कश्मीरी कली


अपने बेटी आस्था का मैं ऐसा स्वेटर बनाना चाहती थी जो कशमीर के फिरन का लुक दे | उसके किनारों पर और गले पर स्लीव्ज़ पर भी कुछ छोटा-छोटा डिजाइन हो | आस्था छोटी थी इस लिए मैंने लाल रंग चुना और उसे ऑफ़ व्हाईट कलर से छोटी कैरी बनाई | लम्बे कुरते में साइड जेब के लिए भी जगह छोडी |गले के बीच पत्ती के साइड में कैरी भी बनाई और बटन भी लगाए फिर उसके नीचे पाजामे भी बुनी | इसका काफ़ी हिस्सा मुम्बई की ट्रेन में और चौपाटी बीच पर बुना गया जब मैं राजभाषा की बैठक में मुम्बई गई थी | आस्था ने जब इसे पहना तो वो जेब में हाथ डालकर इठला गई | छोटी सी गुडिया कश्मीरी कली से कम नहीं लगा रही थी |

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