नाम में क्या रखा है


पता नहीं कब बच्चो के ना लिखने कि धुन सवार हुई पर पहला नाम सृष्टि का लिखा स्वेटर पर वो सन था १९९१ |वो नाम वाला स्वेटर सबने पसंद तो किया ही आश्चर्य भी जताया| क्योंकि पारंपरिक स्वेटर बनाने वालों के लिये अजूबा था | फिर तो नाम लिखने का सिलसिला चला तो छवि, सृजन ,हनी जान कितने नाम लिख दिए पर उन सब का कोई फोटो नही है क्योंकि तब कैमरा था मेरे पास और ही लैपटॉप और सबसे बड़ी बात कि उनके एक्सपोज़र की भी कोई बात नही थी |
जब आस्था की बारी आई तब तक बात फोटो तक पहुंची पर डिजिटल फिर भी नहीं था | यह तो स्कैन्ड फोटो है जी |
"आस्था " नाम वाला यह स्वेटर भी बेहद पसंद किया गया | आस्था अब भी यह स्वेटर किसी को देना नही चाहती है | संजो कर रखना चाहती है |नाम में बहुत कुछ रखा है जी |



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