बुनाई की दुनिया को इंटरनेट के माध्यम से प्रस्तुत करते हुए जो खुशी है वो एक उद्देश्य को लेकर है |
पिछले कई वर्षों से बुनाई करते हुए महसूस हो रहा था कि भारत में बुनाई का क्रेज़ ख़त्म सा हो रहा है | "आजकल कौन करता है जी बुनाई " " रेडीमेड का ज़माना है "जैसे जुमले अक्सर सुनने को मिलते |पर ना जाने ऐसा क्या था मेरे अन्दर जो बावजूद इन जुमलों के मेरा ऊन-सलाइयों से मेरा प्यार कम नहीं हुआ | चाहे उस जमाने से छुप कर बनाती रही जो रेडीमेड की दुहाई देते थे |
एक दिन जब इंटरनेट कि दुनिया से रूबरू हुई तो मालूम चला कि विदेशों में इसका कितना क्रेज़ है | और मेरी कल्पनाओं को एक नया आयाम मिल गया |

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