ब्लॉग की दुनिया के दोस्तों को मेरा अभिवादन !

आज ब्लॉग की दुनिया में पहला कदम रखते हुए मुझे प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है! मैं कस्बाई संस्कृति में

रहने वाली कभी सोच भी नही सकती थी की मैं भी कभी ब्लॉग लिखूंगी

कवियायें लिखना मेरा प्रिया शगल है

और निश्चय ही मैं आप तक अपने विचार कविता के माध्यम से पहुन्चाॐगी

खोज बीन के अपने आप से ही सीखते हुए यहाँ तक पहुँची हूँ

बाय

संगीता सेठी

Comments

  1. संगीता जी,

    हिन्दी की दुनिया में आपका स्वागत है। इसकी यही महानता है कि वो चाहे कस्बाई संस्कृति वाला हो या शहरी तहज़ीब वाला, एक-दूसरे में रम जाता है।

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  2. bahut achche.. nice to see your poetry..and blog.. keep writing..with regards

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  3. हजारों साल जीये कस्बों की जिन्दगी
    कभी इस उन्वान की कविता लिखी थी,आज भी आधी दुनिया में धक्के खा कसबे में आ बसा हूं ,क्योंकि कसबा मेरे भीतर बसा है
    आपके हृद्‍य से निकले उद्‍गारों ने अच्छी कविता का रूप लिया है बधाई।
    अपना कस्बाई हृद्‌य बचाए रखें
    सस्नेह
    श्याम सखा
    http//:gazalkbahane.blogspot.com/

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  4. sangeeta contact me. im sandhya. i know tum bhool chuki ho mujhe pr me nhi bhooli.mujhe phone kro 09910002791

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  5. संगीता जी, कस्बों ने ही हमारे संस्कार और संस्कृति को अब तक बचा कर रखा हैं, हर कस्बाई का यहाँ तहे दिल से स्वागत है!

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  6. Sangeeta ji! Namaskar!Maloom nahi tha ki aap yahan chupi baithi hai. Any way bahut khusi hui aapko dekhkar.Fir melenge!

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