तू जड़ मैं चेतन

मैं तेरे नेह में
इस कदर
भीग गई हूँ
कि ज्यों
रुई कि बाती
वसा में भीगती है
और दिप-दिप
जलती है
तम से लड़ती है
तेरा निरंतर नेह
मेरी आत्मा को
भिगो रहा है
निरंतर
और मेरी देह का सिरा
मेरा मस्तिष्क
दिप-दिप जल रहा है
संघर्षरत है तम से
वलय प्रकाश का
चारों ओर
ओ ! मेरे नेह के स्त्रोत
जिस क्षण रुकेगी
तेरी नेह धारा
देख मेरी आत्मा भी
सूख जायेगी
और मस्तिष्क
प्रदीप्त नही होगा
उसी क्षण
सोच ! क्या हश्र होगा मेरा
मैं तो जड़ हूँ
और तू चेतन
देखना मैं ओर भी जड़ हो जाऊंगी
(दीपावली की रात )
इस कदर
भीग गई हूँ
कि ज्यों
रुई कि बाती
वसा में भीगती है
और दिप-दिप
जलती है
तम से लड़ती है
तेरा निरंतर नेह
मेरी आत्मा को
भिगो रहा है
निरंतर
और मेरी देह का सिरा
मेरा मस्तिष्क
दिप-दिप जल रहा है
संघर्षरत है तम से
वलय प्रकाश का
चारों ओर
ओ ! मेरे नेह के स्त्रोत
जिस क्षण रुकेगी
तेरी नेह धारा
देख मेरी आत्मा भी
सूख जायेगी
और मस्तिष्क
प्रदीप्त नही होगा
उसी क्षण
सोच ! क्या हश्र होगा मेरा
मैं तो जड़ हूँ
और तू चेतन
देखना मैं ओर भी जड़ हो जाऊंगी
(दीपावली की रात )
ओ ! मेरे नेह के स्त्रोत
ReplyDeleteजिस क्षण रुकेगी
तेरी नेह धारा
देख मेरी आत्मा भी
सूख जायेगी
और मस्तिष्क
प्रदीप्त नही होगा
उसी क्षण
सोच ! क्या हश्र होगा मेरा
मैं तो जड़ हूँ
और तू चेतन
देखना मैं ओर भी जड़ हो जाऊंगी
बहुत भावुक कविता है.
आपको शुभकामनाएं !!
संगीता जी - अच्छे भाव की प्रस्तुति पसन्द आयी।
ReplyDeleteआपकी रचना का शीर्षक है - " तू जड़ मैं चेतन " और कविता के अन्त में आपने लिखा है कि - "मैं तो जड़ हूँ और तू चेतन" । यदि आप जरूरी समझतीं हैं तो एक बार विचार कर लें।
शुभकामना।
सादर
श्यामल सुमन
www.manoramsuman.blogspot.com
" bahut hi acchi rachana ...mann bahvak sabdo se saji ek khubsurat rachana ."
ReplyDeleteaapko is rachana ke liye hamari aur se badhai "
plz wellcome on my blog
http://eksacchai.blogspot.com
----- eksacchai { AAWAZ }
हुज़ूर आपका भी एहतिराम करता चलूं.........
ReplyDeleteइधर से गुज़रा था, सोचा, सलाम करता चलूं....
www.samwaadghar.blogspot.com
jad-chetan ka abhedkari deep mangalmaya ho, badhayee
ReplyDeleteआप सौभाग्यशाली मित्रों का स्वागत करते हुए मैं बहुत ही गौरवान्वित हूँ कि आपने ब्लॉग जगत में दीपावली में पदार्पण किया है. आप ब्लॉग जगत को अपने सार्थक लेखन कार्य से आलोकित करेंगे. इसी आशा के साथ आपको दीप पर्व की बधाई.
ReplyDeleteब्लॉग जगत में आपका स्वागत हैं,
http://lalitdotcom.blogspot.com
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http://shilpkarkemukhse.blogspot.com
http://ekloharki.blogspot.com
http://adahakegoth.blogspot.com
संगीता जी, एक बार फिर आपका स्वागत है, बहुत ही सुन्दर भाव है, शब्दों का सफल प्रयोग!
ReplyDeleteसुंदर भाव अभिव्यक्ति ...!!
ReplyDeletemanbhavan.narayan narayan
ReplyDeleteswagat hai blog jagat me
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